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चार धाम यात्रा - II

  • Writer: Man Bahadur Singh
    Man Bahadur Singh
  • Jun 7, 2024
  • 5 min read

Updated: Jul 3, 2024

चार धाम यात्रा तृतीय चरण (देवाधिदेव महादेव बाबा केदारनाथ धाम)

7 June, 2024

आप लोगों के आशीर्वाद से आज हम लोग उत्तरकाशी से चलकर गौरीकुंड पहुंच गए हैं।

आज रात हम लोग यहां विश्राम करेंगे और कल प्रातः काल हम गौरीकुंड से देवाधिदेव महादेव के धाम के लिए प्रस्थान करेंगे। हम उत्तरकाशी से सुबह लगभग 6 बजे निकले थे। रास्ते में कहीं कोई बड़ा जाम नहीं मिला। सोनप्रयाग से पहले कोई पुलिस बैरियर भी नहीं था और हमें सोनप्रयाग कार पार्किंग तक एंट्री मिल गई और हम लगभग ढ़ाई बजे सोनप्रयाग पहुंच गए।


यहां आने वाले मित्रों के लिए कुछ जानकारी शेयर कर दूं कि सीतापुर के करीब 2 किलोमीटर पहले से सोनप्रयाग तक सड़क के दोनों तरफ पार्क बसों और गाड़ियों की पार्किंग से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठीक ठाक भीड़ आ रही है।


हमारा ड्राईवर बता रहा था कि सामान्य तौर पर सोनप्रयाग तक गाड़ियों की एंट्री रिस्ट्रिक्टेड रहती है और सोनप्रयाग से पहले ही बैरियर लग जाता है। सामान्यतः सुबह 10 बजे से दोपहर बाद तीन चार बजे तक ही एंट्री खुलती है। भीड़ ज्यादा होते ही बैरियर लग जाता है।


फिलहाल सोनप्रयाग कार पार्किंग से करीब 300 मीटर चलकर रजिस्ट्रेशन चेक प्वाइंट है। यहां से करीब 500 मीटर चलने के बाद मंदाकिनी नदी पर बने पुल को पार करने के बाद गौरीकुंड के लिए शेयर्ड टैक्सी मिलती है, जो गौरीकुंड टैक्सी स्टैंड तक पहुंचाती है। इस रूट पर जाम लगा रहता है और 5 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग एक घंटा लग गया। सुबह के समय सोनप्रयाग से गौरीकुंड आने वालों की भीड़ बहुत ज्यादा होती है और समय भी अधिक लग जाता है।


सीतापुर से गौरीकुंड तक सार्वजनिक शौचालय/ सुविधाओं की कमी दिखी। इतनी भीड़ भाड़ को देखते हुए जो साफ सफाई होनी चाहिए, उतनी नहीं दिखी। गौरीकुंड में होटल वगैरह बहुत महंगा है। सोनप्रयाग या नीचे स्टे करना बेहतर होगा। साथ में सामान कम से कम रखना बेहतर होगा। चढ़ाई कठिन है।


देवाधिदेव महादेव हम सभी का कल्याण करें।


8 June, 2024

भगवान भोले नाथ की असीम कृपा, अपने माता पिता व पुरखों के संचित पुण्य प्रताप व आप सब के आशीर्वाद से आज हम लोग बाबा केदारनाथ धाम के बेस कैम्प पहुंचने में सफल रहे।

आज हम लोग गढ़वाल मंडल विकास निगम के नन्दी कॉम्प्लेक्स में रूक रहे हैं। भगवान भोले नाथ के दर्शनार्थ हम लोग निकल रहे हैं। यहां आने वाले मित्रों के लिए जानकारी देना चाहूंगा कि गौरीकुंड से केदारनाथ धाम का पैदल पथ कुल 22 किलोमीटर है। घोड़े से जाने वाला शॉर्ट कट ट्रैक 16 किलोमीटर है, लेकिन यह रास्ता बेहद कठिन है। सामान्य तौर पर चलने पर लगभग 10 से 12 घंटे लग सकते हैं।


यदि घोड़े से आना है तो गौरीकुंड से लगभग एक किलोमीटर चलकर घोड़ा स्टैंड है। घोड़े वाले आपको अपना रजिस्ट्रेशन कार्ड दे देंगे। वहां उनके कार्ड के साथ घोड़े के लिए भुगतान होता है। एक तरफ के लिए प्रति व्यक्ति 3200 रुपए जमा करना पड़ता है। वापसी के लिए केदारनाथ धाम के घोड़ा स्टैंड भुगतान करना पड़ता है। वापसी का किराया 2300 रुपए प्रति व्यक्ति है। भारी भरकम वजन वाले लोगों से घोड़े वाले थोड़ी देर चलने के बाद नाटक करने लगते हैं कि साहब आपका वजन बहुत ज्यादा है और फिर 500 से 1000 रुपए कि अतिरिक्त मांग करने लगते हैं। जो एजेंट आप से सम्पर्क करें, उनसे पहले ही क्लीयर कर लेना बेहतर होगा।


यहां ऑनलाइन पेमेंट्स का चलन नहीं है। पर्याप्त कैश रखना बेहतर होगा। यहां दर्शन की लाइन काफी लंबी है। समय लग रहा है। बाबा केदारनाथ हम सभी का कल्याण करें।


हर हर महादेव।


9 June, 2024

चार धाम यात्रा तृतीय चरण (बाबा केदारनाथ धाम यात्रा) सम्पन्न

गौरीकुंड से बाबा केदारनाथ धाम की कठिन यात्रा, बारिश और बर्फबारी के बीच 4 घंटे लाइन में लगे रहने के बाद बाबा ने दर्शन देकर हम लोगों को कृतकृत्य कर दिया। बाबा केदारनाथ के दर्शन के साथ ही हम लोगों की बारह ज्योतिर्लिंगों (बाबा केदारनाथ, बाबा विश्वनाथ, बाबा वैद्यनाथ, बाबा महाकालेश्वर, बाबा ओमकारेश्वर, बाबा सोमेश्वर, बाबा नागेश्वर, त्र्यंबकेश्वर महादेव, भीमाशंकर महादेव, घृष्णेश्वर महादेव, मल्लिकार्जुन महादेव, रामेश्वर महादेव) के दर्शन की अभिलाषा भी पूर्ण हुई।


कल केदारनाथ धाम मे दोपहर तक मौसम बिलकुल साफ था, लेकिन दोपहर बाद मौसम ने करवट ली। हम लोग लगभग बारह बजे दर्शन की लाइन में लगे। और एक बजे से बारिश शुरू हो गई। रेनकोट पहनकर हम लोग लाइन में लगे रहे। लगभग चार बजे भगवान भोलेनाथ के दिव्य दर्शन प्राप्त हुए। थोड़ी देर के लिए बारिश रूकी, लेकिन निकलते निकलते भारी बारिश के साथ साथ बर्फबारी शुरू हो गई और देखते ही देखते पूरा केदारनाथ धाम और घाटी बर्फ से पट गई। तापमान 5 डिग्री से नीचे गिर गया। भारी बारिश और बर्फबारी के बीच हम लोग अपने कैम्प मे वापस लौटे।


भगवान भोलेनाथ का बहुत बहुत आभार। आप सभी मित्रों व शुभचिंतकों को आपके आशीर्वाद और शुभकामनाओं के लिए बहुत बहुत आभार।


चार धाम यात्रा चतुर्थ चरण (श्री बद्रीनाथ धाम)

10 June, 2024

आप लोगों के आशीर्वाद से यमुनोत्री धाम (10804 फीट), गंगोत्री धाम (10320 फीट) व बाबा केदारनाथ धाम (11755 फीट) की यात्रा सकुशल संपन्न हुई और हम लोग गुप्तकाशी में माता पार्वती व अर्धनारीश्वर की पूजा अर्चना के बाद बद्रीनाथ धाम के लिए चल पड़े हैं। श्रीहरी बद्रीनाथ हम सब पर अपनी कृपा बनाए रखें।

आज हम लोग गौरीकुंड से निकलकर गुप्तकाशी व विष्णुप्रयाग में रुकते हुए अपने आराध्य माता पार्वती व अर्धनारीश्वर तथा भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के बाद बद्रीनाथ धाम पहुंच गए हैं।

आप लोगों के आशीर्वाद से 10 दिन की निरन्तर कठिन यात्रा के बाद भी हम लोग बिलकुल स्वस्थ और आनंदित हैं।


कल हम लोग बद्रीनाथ धाम में ही रुकेंगे और दिन भर पूजन अर्चन में व्यतीत होगा। परसों यहां से निकलकर हम लोग रास्ते में रुद्रप्रयाग में विश्राम करेंगे। श्रीहरी बद्रीनाथ हम सब पर अपनी कृपा बनाए रखें।


11 June, 2024

चार धाम यात्रा सकुशल संपन्न।

आप सभी लोगों के आशीर्वाद से उत्तराखंड स्थित चार धाम यात्रा (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ) सकुशल संपन्न हुई। चारो धाम में अपने आराध्य देवियों व देवों के दर्शन पूजन करके हम लोग धन्य धन्य हो गए । इस यात्रा के दौरान केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन के साथ ही हम लोगों के द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन की अभिलाषा और संकल्प पूरा हो गया।


आज बद्रीनाथ के दर्शन के साथ ही मेरी धर्मपत्नी श्रीमती कुसुम सिंह के चार धाम ( द्वारका, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम और बद्रीनाथ के दर्शन की अभिलाषा व संकल्प पूर्ण हो गया। जबकि मेरे तीन धाम (द्वारका, रामेश्वरम और बद्रीनाथ) के दर्शन पूर्ण हुए।


आज हम लोग बद्रीनाथ धाम में ही विश्राम करेंगे। कल से वापसी प्रारम्भ होगी। कल रात्रि विश्राम रुद्रप्रयाग में होगा। 13 से 15 जून दोपहर तक ऋषिकेश व हरिद्वार का भ्रमण किया जाएगा और 15 जून को प्रयागराज के लिए प्रस्थान कर के 16 जून की सुबह प्रयागराज पहुंच लिया जाएगा।


यह यात्रा जितनी ही कठिन रही, उतनी ही रोमांचक रही। प्रकृति के इतने करीब इतना लंबा प्रवास कभी नहीं रहा। प्रकृति भी ऐसी, जिसकी जीवंतता, विविधता, उदारता, सदासयता और सहृदयता किसी भी व्याख्या से परे हो और केवल अनुभूति का विषय हो। यूं तो हर यात्रा से कुछ सीखते हैं और अपने जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं, लेकिन यह यात्रा इस लिहाज से भी बहुत सकारात्मक रही।


आप लोगों के आशीर्वाद, स्नेह, सहयोग और शुभकामनाओं के लिए बहुत बहुत धन्यवाद व आभार।


12 June, 2024

चार धाम दर्शन के बाद घर वापसी, रुद्रप्रयाग में अलकनंदा के किनारे पहाड़ और जंगल के बीच पत्थर और मिट्टी से बने मकान में स्टे।

पहले भाग को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।

 
 
 

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