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गंगोत्री से गंगासागर वाया जगन्नाथ पुरी

  • Writer: Man Bahadur Singh
    Man Bahadur Singh
  • Jun 18, 2024
  • 2 min read

Updated: Jul 3, 2024

18 June, 2024

यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम यात्रा के बाद गंगा जी के साथ साथ चलकर हम प्रयागराज पहुंचे और संक्षिप्त विश्राम के बाद आज हम लोग निकल पड़े हैं गंगासागर के लिए वाया जगन्नाथ पुरी।

19 June, 2024

द्वादश ज्योतिर्लिंग (बाबा केदारनाथ, बाबा विश्वनाथ, बाबा वैद्यनाथ, बाबा महाकालेश्वर, बाबा ओमकारेश्वर, बाबा सोमेश्वर, बाबा नागेश्वर, त्र्यंबकेश्वर महादेव, भीमाशंकर महादेव, घृष्णेश्वर महादेव, मल्लिकार्जुन महादेव, रामेश्वर महादेव) व चार धाम (बद्रीनाथ, रामेश्वरम, द्वारिका और जगन्नाथ पुरी) दर्शन की अभीष्ट अभिलाषा आज श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी में भगवान जगन्नाथ और माता लक्ष्मी के दर्शन पूजन के साथ संतृप्त हो गई।

देव अनुकंपा, पितरों के संचित पुण्य प्रताप व आप सभी लोगों के आशीर्वाद और शुभकामनाओं से ही यह सम्भव हो सका कि हर सनातनी की तरह इन तीर्थों पर पहुंचने की हमारी अभिलाषा पूर्ण हो सकी।


जय जगन्नाथ।


मंदिर में दर्शन के बाद हम पुरी बीच घूमने गए।

20 June, 2024

पुरी से कुछ दूर कोणार्क का सूर्य मंदिर - यूनेस्को वास्तुशिल्प विरासत।

21 June, 2024

चार धाम (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ) यात्रा सकुशल संपन्न करके 19 जून को हम लोग पहुंच गए जगन्नाथ पुरी। भगवान जगन्नाथ और माता लक्ष्मी जी के दर्शन-पूजन के बाद आज हम लोग पहुंच गए कोलकाता।


आज हम दक्षिणेश्वर काली मंदिर जाकर मां काली का दर्शन-पूजन किए और वहां हमारे महान तपस्वियों स्वामी रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद जी की ऊर्जा की अनुभूति की।

कल हम लोग यहां से गंगा सागर जायेंगे और अपने पितरों के मोक्ष के लिए पूजन तर्पण करेंगे। कहते हैं कि सारा तीरथ बार बार, गंगा सागर एक बार।


गंगा हिमालय की गोद, यानि गंगोत्री से अपनी यात्रा प्रारम्भ करती हैं और हजारों मील की यात्रा के दौरान करोड़ों मनुष्यों, जीव-जंतुओं और वनस्पतियों को जीवन प्रदान करते हुए अपने तटों पर पुष्पित और पल्लवित जीवंत सभ्यता और संस्कृति का पोषण करती हुई अंततः सागर में विलीन हो जाती हैं। युगों से मां गंगा अनवरत अपना धर्म निभा रही हैं और हमारे कुकृत्यों और अत्याचारों के बावजूद वह हमें कृतकृत्य कर रही हैं।


धन्य हैं मां गंगा और धन्य है उनकी अनवरत यात्रा। काश! मेरा भी जीवन कदाचित सार्थक हो जाता।


मां गंगा हम सभी का कल्याण करें।


22 June, 2024

गंगोत्री से गंगासागर तक की यात्रा संपन्न

आज सुबह 4.30 बजे हम सियालदह से गंगा सागर के लिए निकले और वहां पहुंच कर स्नान, ध्यान तथा अभीष्ट दर्शन, पूजन अर्चन व तर्पण इत्यादि संपन्न करके हम कोलकता वापस आ गए।


कल हम लोग प्रयागराज के लिए रवाना होकर 24 जून को प्रयागराज पहुंच जायेंगे और उसी के साथ 24 दिन से चल रही अनवरत तीर्थ यात्रा को विराम मिलेगा और फिर हम आप लोगों की सेवा के लिए उपलब्ध होंगे।


मां गंगा हम सभी का कल्याण करें।

 
 
 

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