Man Bahadur SinghMay 17, 20217 minअच्छे दिन : शायद कभी नहीं आयेंगे जबसे राजनीति विशुद्ध व्यवसाय हो गयी, सत्ता में रहने वाला या आने वाला नेता हमें अच्छे दिनों का सब्जबाग दिखाता रहा, लेकिन यह जुमला पिछले...
Man Bahadur SinghMay 17, 20213 minकोरोना का कहर, कराहती इंसानियत, बहती लाशें और मरती हुई मानवीय संवेदनाएंऐसी त्रासदी की कल्पना कदाचित किसी ने नहीं की थी I भौतिकवाद की अंधी दौड़ और पागलपन की हद तक बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए, यह जरुर लगता था कि ...
Man Bahadur SinghMay 10, 20212 minक्या हमने अपने नागरिक धर्म का पालन किया है?उत्तर स्पष्ट है - नहीं, नहीं और नहीं। हमने विगत कुछ दसकों मे अपनी सोच, समझ और संस्कारों का ऐसा कबाड़ा किया है कि इसका दंश राष्ट्र, देश और...